पूरी दुनिया के साथ बिहार में भी ‘उमड़ते सौ करोड़ अभियान’ कार्यक्रम का हुआ आयोजन 

पूरी दुनिया के साथ बिहार में भी ‘उमड़ते सौ करोड़ अभियान’ कार्यक्रम का हुआ आयोजन 

प्रमोद कुमार 


मोतिहारी/पटना
उमड़ते सौ करोड़ अभियान के अन्तर्गत मठियापुर पंचायत भवन, दानापुर पटना में सहयोगी संस्था के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किशोरियों-महिलाओं के द्वारा जेंडर हिंसा एवं शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद किया।

इस अवसर पर लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने के साथ–साथ धरती और पर्यावरण को सुरक्षित-संरक्षित रखने का भी आह्वान किया गया। जिस प्रकार समाज को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करने के बावजूद महिलाओं को जेंडर आधारित भेदभाव एवं हिंसा झेलना पड़ता है

उसी तरह धरती और पर्यावरण जो हमारे जीवन के अहम है उसका भी दोहन हो रहा है। किसी भी विषम परिस्थिति के अनंतिम कुप्रभाव की शिकार महिलाएँ होती हैं इसलिए समय रहते धरती और पर्यावरण को बचाने की ज़िम्मेदारी महिलाओं ने उठाई है।

महिलाओं एवं किशोरियों के समक्ष दोहरी चुनौतियाँ उमड़ते सौ करोड़ अभियान की राज्य समन्वयक एवं सहयोगी की प्रमुख रजनी  ने इस अवसर पर कहा कि आज महिलाएँ, किशोरियाँ कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। घर-परिवार के साथ-साथ घर के बाहर कार्यस्थल और सड़क पर विभिन्न प्रकार की हिंसा और असमानता को झेलती हैं,

व्यावसायिक (प्रोफेशनल) जिम्मेदारियों में बेहतरी का दबाव भी उनपर बना हुआ है। साथ ही, संस्था इस उद्देश्य के लिए अलग-अलग फोरम पर समुदाय एवं नेटवर्क संस्थाओं, समाजकर्मियों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित कर हिंसा मुक्त समाज बनने की दिशा में कार्य करती है। सहयोगी संस्था 2016 से उमड़ते सौ करोड़ अभियान  के बिहार में आयोजन करने हेतु समन्वय कर रही है। इस अभियान में धरती एवं पर्यावरण को बचाने के मुद्दे को जोड़ने से यह और भी उद्देश्यपूर्ण हो गया है। सुरक्षित पर्यावरण होने से ही हमारा जीवन सुरक्षित रहेगा। महिला-पुरुष सभी को मिलकर हमारी धरती को सुरक्षित बनाये रखने के लिए एकजुट प्रयास करना होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम दिया संदेश 


इस मौके पर पंचायत के विभिन्न गांवों से महिला एवं किशोरियों ने अपनी प्रतिभागिता की एवं स्थानीय किशोरियों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुति द्वारा समुदाय को महिला हिंसा को समाप्त करने के साथ हमारे पर्यावरण के प्रति भी सजग रहने के लिए आगाह किया।

किशोरियों द्वारा गीत, संगीत, कविता एवं नृत्य कर समान अवसर एवं अधिकार देने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि वे किसी से कम नहीं हैं, एवं अवसर मिलने पर उन्होंने अपनी क्षमता और कौशल को दिखाया है।

उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों से अपील किया कि बेटी-बेटे में अंतर न करें एवं उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण के साथ समान अवसर और अधिकार उपलब्ध कराएँ। इस अवसर पर सहयोगी से उन्नति, उषा, लाजवंती, बिंदु, निर्मला, रिंकी, मुन्नी, धर्मेन्द्र, मनोज, सुरेन्द्र, नितीश उपस्थित रहे।