फाइलेरिया के कीटाणु मरते समय आते हैं बुखार, उल्टी और चक्कर, घबराने की जरूरत नहीं : एसपी सिंह
प्रमोद कुमार
महुआ के कुछ इलाकों में फाइलेरिया दवा खाने के बाद मामूली समस्या, जिला भिबीडी नियंत्रण पदाधिकारी ने कहा इलाके में फाइलेरिया पॉजिटिव अधिक
हाजीपुर। 26 मार्च
जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत लोगों को घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम फाइलेरिया रोधी दवा खिला रही है। एक भी व्यक्ति दवा खाने से वंचित न रह जाये इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पूरी ताकत झोंक दी है।
जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि महुआ के चकमजहिद, मिल्की चकसिया, डगरू समेत कुछ इलाकों में लोगों को दवा खाने के बाद उल्टी और बुखार और चक्कर जैसी मामूली समस्या आयी है, इससे उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। फाइलेरिया दवा का सेवन पूरी तरह सुरक्षित है।
जिसमें बीमारी के लक्षण होंगे उन्हें थोड़ा सा बुखार, उल्टी और हल्का चक्कर आएगा। जिस व्यक्ति के खून में फाइलेरिया के कीटाणु होते हैं, गोली खाने पर फाइलेरिया के कीटाणु के मरने के कारण उसे हल्का बुखार, सिर में दर्द, उल्टी या चक्कर की शिकायत हो सकती है। इसमें चिन्ता की कोई बात नहीं है। ये लक्षण कुछ समय बाद समाप्त हो जाते हैं।
विषम परिस्थिति से निपटने के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम है गठित
डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि किसी भी विषम परिस्थितियों से निबटने के लिए पीएचसी स्तर पर रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। कार्यक्रम के दौरान गुणवत्ता बनाए रखने के लिए हर दिन बैठक की जा रही है।
इसके साथ ही इस कार्यक्रम की सफलता के लिए संबंधित विभागों एवं सहयोगी संस्थाओं के संयुक्त प्रयास का भी लाभ लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि माइक्रो-प्लान के अनुसार कार्य को संपादित किया जा रहा है। जिससे अभियान को सफल बनाया जा सके।
185 सुपरवाइजर कर रहे निगरानी
जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि मास ड्रग एडमिनिसट्रेशन (आईडीए) अभियान के दौरान जिले में 4070668 लोगों को ग्रामीण, जबकि 302101 लोगों को शहरी क्षेत्र में दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में 1729 और शहरी में 121 टीम को लगाया गया है।
185 सुपरवाइजर अभियान के लिए तैनात किए गए हैं। अभियान के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में 594801 घरों और शहरी क्षेत्र के 44143 घरों तक कर्मी भ्रमण करेंगे। इस दौरान वे अपनी निगरानी में दवा खिलाएंगे। दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से ग्रस्त लोगों को दवा नहीं खिलाई जायेगी।