जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों सामुदायिक क्षेत्रों

जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों सामुदायिक क्षेत्रों

- सरकारी स्तर पर चमकी का मुफ्त व बेहतर इलाज उपलब्ध है

प्रमोद कुमार 


मोतिहारी,पू०च०।
पूर्वी चम्पारण के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि चमकी बुखार से बचाव को लेकर जगह जगह चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। ताकि जिले में गर्मी के मौसम में शुरू होने वाले एईएस/ चमकी बुखार के प्रकोप से जन जागरूकता के द्वारा बच्चों को सुरक्षित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि चमकी बुखार को ले जागरूकता के कारण एवं समय पर इलाज होने के कारण इसकी संख्याओं में पूर्व के वर्षों की अपेक्षा कमी आई है। जिला अनुश्रवण पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जिले में चमकी के 6 मामले हैँ , जो सामान्य स्थिति में है। उन्होंने कहा कि सही समय पर लोगों को चमकी के प्रति जागरूक करना बेहद आवश्यक है।

सदर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक संध्या कुमारी ने बताया कि  मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के क्षेत्र रुलही, पतौरा, ढेकहा सहित आंगनबाड़ी केंद्र पर आरबीएसके की चिकित्सक डॉ शिल्पी श्रीवास्तव व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चमकी से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए महिलाओं व अन्य लोगों के बीच जागरूकता का आयोजन किया गया।

इस दौरान बच्चों को चमकी से बचाव के उपाय बताए गए। साथ ही स्वच्छता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। उन्हें बताया गया कि इलाज में लापरवाही न करें, निजी या भाड़े के गाड़ी लेकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर तुरंत पहुँच कर इलाज कराएं। सरकार द्वारा वाहन का उचित खर्च तुरंत उपलब्ध करा दिया जाएगा।

सरकारी स्तर पर चमकी का मुफ्त व बेहतर इलाज उपलब्ध है।डीआईओ डॉ शरतचन्द्र शर्मा ने बताया कि ज्यादा गर्मी पड़ने पर चमकी के प्रति ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जिले के तमाम मेडिकल टीमों को जन जागरूकता व मेडिकल व्यवस्था के साथ एईएस से लड़ने के लिए तैयार किया गया है।

इसके लिए जिले के विभिन्न प्रखंडों यथा-  मेहसी, चकिया, मधुबन, तेतरिया सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में जीविका दीदियों, आशा फैसिलिटेटरों, नर्सों व  आरबीएसके चिकित्सकों के माध्यम समय समय पर एईएस से सम्बंधित जानकारी दी जा रही है। बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के लिए अलर्ट रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। स्वस्थ्य बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए।

साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।मोतिहारी सदर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि चमकी के ज़्यादातर मामले गर्मियों के महीनों में देखने को मिलते हैं। बच्चे के माता- पिता चमकी के लक्षण जानकर समय पर इलाज कराकर बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं।

चमकी के लक्षण -
. लगातार तेज बुखार रहना
. बदन में लगातार ऐंठन होना
. दांत पर दांत दबाए रहना
. सुस्ती चढ़ना
. कमजोरी की वजह से बेहोशी आना
. चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि।