काश निर्धारित जांच में अनियमितताओं की खोज एवं कार्रवाई की आम कशक
काश निर्धारित जांच में अनियमितताओं की खोज एवं कार्रवाई की आम कशक
सत्येन्द्र कुमार शर्मा,
प्रधान संपादक
पूर्व के अनियमितताओं पर प्रशासनिक कार्रवाई से ही ग्रामसभाओं का सफल आयोजन किया जाना संभव है। तभी ग्राम सभा का आयोजन सफल होगा और विकास योजनाओं को नियमानुसार धरातल उतारा जा सकता है। स्थानीय स्तर पर लोगों द्वारा यदा कदा शिकायत भी करने के बावजूद परिणाम नकारात्मक ही सामने प्रकाश में आता रहता है। स्थानीय प्रशासन की चुप्पी से पिछले कई दशक से ग्रामसभा के आयोजन के अनिवार्यता समाप्ति के दौर में रहा है।
या कागजी खानापूर्ति किया जाता रहा है तो दूसरी ओर विकास योजना की राशि की लूट व बंदरबांट की धूम मची हुई है कागजी खानापूर्ति कर योजना की राशि खर्च दर्शा दिया जाता रहा है। इस सच्चाई को जहां आमजन कहने से इंकार नहीं करते वहीं राज्य स्तर से जांच की निर्धारित प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है।जांच किया भी जा रहा है लेकिन अभी फलाफल सामने दृश्यमान नहीं किया गया है।
हाल में इसका ज्वलंत उदाहरण तब तूल पकड़ा जब पंचायत में वार्ड सचिव के चयन की प्रक्रिया शुरू किया गया। आम जनता द्वारा उत्पन्न किया जा रहा गतिरोध पूर्व के अनियमितताओं का प्रशासनिक स्वीकृति रहा है।वार्ड सचिव के चुनाव में हंगामा का होना, रजिस्टर को लेकर भाग जाना, सभा स्थागित करा देना, परिसीमा का उल्लंघन करना, परिसीमन से बाहर के नागरिकों के मौजूद रहना, बाहर के लोगों का मतदाता सूची में नाम का होना जैसे कई संज्ञेय मामले है।
और ये सभी मामले प्रशासन की असफलता का परिचायक कहें या अनियमितता में संलिप्तता।पंचायतों में हर दिन हो हंगामा होना कोई नई बात नहीं है।
वार्ड सचिव के चुनाव को लेकर आयोजित वार्ड सभा में हो हंगामा के बीच कुछ लोग रजिस्टर लेकर भाग गये। हंगामा होता रहा तो सभा स्थागित करना पड़ा।ग्रामसभा में हंगामे के बीच धक्का मुक्की तक हो गई। कोई भी प्रशासन का सहारा नहीं लेना चाहता है। वार्ड सचिव के चुनाव को ले वार्ड व ग्राम सभा आयोजित हो रहा है। जिसमें देखते ही देखते हो हंगामा शुरू हो जा रहा है। लोग आपस में उलझ जा रहे है।
ग्रामसभा का आयोजन के लिए उपस्थित पदाधिकारी हंगामे के बीच अपने को असहाय दिखाई पड़ रहे हैं और वे चुप हो जा रहे हैं। और देखते ही देखते उग्र युवकों द्वारा रजिस्टर को फाड़ दिया जा रहा है।लोग नियमानुसार वार्ड सचिव का चुनाव कराना चाहते है। लेकिन उक्त विषय के संबंध में कोई भी अधिकारी या कर्मी कुछ भी बताने से फिलहाल परहेज करते रहे है।जिले के बनियापुर प्रखंड के सिसई पंचायत के मेढ़ुका कला वार्ड संख्या 09 के सचिव के चुनाव में धांधली की शिकायत के साथ पुनः ग्राम सभा के आयोजन की मांग सचिव प्रत्याशी द्वारा की गई हैं।
वार्ड सचिव के चुनाव में धांधली की शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी बनियापुर से की गई है। वार्ड सचिव प्रत्याशी धीरेंद्र कुमार सिंह के आवेदन में बहुमत को देखकर दंबग लोगों द्वारा डराया धमकाया जाने लगा।वार्ड सचिव के मतदान में मतदाता सूची के आधार पर उपस्थित होने की भी मांग की गई है।उधर इसी पंचायत के वार्ड 06 में भी हो हल्ला के चलते वार्ड सचिव का चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
यहां वार्ड 06 के वार्ड सचिव के चुनाव के स्थगन के मामले की छानबीन में नल जल योजना के बोरिंग को वार्ड परिसीमन से बाहर दूसरे राजस्व ग्राम में लगाया जाना, संचालन व निवर्तमान सचिव जो वार्ड परिसीमन से बाहर दूसरे राजस्व ग्राम के व्यक्ति है को वार्ड सचिव चयनित कर कार्य कराया जाना,वार्ड परिसीमन के भीतर कई घरों को नल जल योजना का लाभ नहीं दिया गया है।
नल जल योजना के लाभुकों को अब तक शुद्ध जल नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है।पाईप रिसाव से लेकर कई अनियमितताएं पाई जा रही है जिससे वार्ड परिसीमन के लाभुकों में भयानक आक्रोश व्याप्त है।छानबीन के दौरान वार्ड परिसीमन के बाहर के दबंग लाभुक मतदाता सूची में शामिल भी बताए जा रहे हैं
।यही नहीं वार्ड परिसीमन के बाहर आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना कर फर्जी संचालन भी किया जाता रहा है।प्रशासन उपरोक्त मामलों की निष्पक्ष छानबीन कर अनियमितता दूर करे तो ग्राम सभा का सफल आयोजन होना संभव हो सकता है।सारण जिलाधिकारी द्वारा चार हजार आंगनबाड़ी केंद्रों के फर्जी होने की जांच का आदेश भी दिया गया लेकिन अब तक कारवाई उजागर नहीं किया गया है।
अनियमितताओं के संदर्भ में कार्रवाई के बजाय प्रशासन की चुप्पी से हो हल्ला होना तय है।और अंततः प्रशासन को कागजी खानापूर्ति करना एक मात्र विकल्प बच जाता है।दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा अनियमितता कबुलने के पश्चात नियमित जांच का आदेश भी जारी है।
जांच भी किया जा रहा है लेकिन जांच में उपरोक्त तथ्यों को उजागर किया गया या अनियमितता को हरी झंडी दिखाई गई है प्रकाश में नहीं आया है।लेकिन आमजन में जांच में अनियमितताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने की कशक आज भी दृश्यमान है।