शहादत दिवस के अवसर पर गांधी संग्रहालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजन

शहादत दिवस के अवसर पर गांधी संग्रहालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजन

रिपोर्टर शशांक मणि त्रिपाठी

मोतिहारी,पू०च०।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 74 वें शहादत दिवस के अवसर पर गांधी संग्रहालय, मोतिहारी में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।गांधी संग्रहालय के अध्यक्ष -सह -जिलाधिकारी, शीर्षत कपिल अशोक सचिव ब्रजकिशोर सिंह सहित शहर के  गांधीवादी एवं बुद्धिजीवियों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित किए गए।कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, कार्यक्रम को सीमित किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि गांधी एक व्यक्ति नहीं , विचार थे और उस विचार को हर आदमी को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। जिओ और जीने दो को उनका मंत्र सामाजिक सद्भाव और समरसता को पोषित करता है। यह आज के समाज में उतना ही प्रासंगिक है जितना उस वक्त था ।उन्होंने गांधी संग्रहालय की प्रासंगिकता और इससे जुड़े लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि यह संग्रहालय सिर्फ गांधी जी की शहादत एवं जयंती मनाने के लिए नहीं है बल्कि इस संस्थान के द्वारा गांधी दर्शन का प्रचार प्रसार करते हुए गांधीजी के उपदेशों को जनमानस तक पहुंचाया जाए । साथ ही उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास ही गांधी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है । उन्होंने कहा कि समाज में कुरीतियों बाल विवाह, दहेज प्रथा, नशा मुक्ति से आमजन को मुक्त कराना है । सरकार द्वारा समाज सुधार अभियान चलाकर इन कुरीतियों को समाप्त किया जा रहा है।जिलाधिकारी ने गांधी पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म सत्याग्रह गाथा के लिए फिल्म के निर्देशक डी के आजाद को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।साथ ही गांधी संग्रहालय की ओर से जिलाधिकारी महोदय को इस अवसर पर मोमेंटो  एवम पुस्तक भेंट स्वरूप प्रदान की गई।सर्वधर्म प्रार्थना में कुमारी मेघना मिश्र के द्वारा गांधी भजन के साथ ही ईसाई , मुस्लिम एवं हिन्दू समाज के द्वारा भी प्रार्थना की गई।इस अवसर पर अपर समाहर्ता ,अनुमंडल पदाधिकारी सदर ,वरीय उप समाहर्ता ,सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी के साथ साथ अमिता निधि, राय सुंदर देव शर्मा, प्रोफेसर नसीम , चंद्रभानु सिंह, अनिल तिवारी, जागा राम शास्त्री ,अलीशा सिन्हा ,रेनू देवी, चंद्रशेखर कुमार मौजूद थे। कार्यक्रम का मंच  संचालन ब्रजकिशोर बाबू ने किया और धन्यवाद ज्ञापन लाल बाबू प्रसाद के द्वारा किया गया।