बेटे के टूटे हाथ में आ गई जान, धन्यवाद आयुष्मान

बेटे के टूटे हाथ में आ गई जान, धन्यवाद आयुष्मान

नौ वर्षीय मो. गुफरान लहेरी को आयुष्मान भारत योजना से नया जीवनदान मिला

प्रमोद कुमार 

सीतामढ़ी,
प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान भारत) योजना सीतामढ़ी जिले में गरीब तबकों के लिए वरदान साबित हो रही है। सरकार जहां इस योजना को उसके स्वाभाविक प्रारूप में लागू कर गरीब एवं समाज में पिछड़े लोगों को घर-घर तक जाकर जागरूक कर फायदा देने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसका प्रमाण है यहां आयुष्मान भारत द्वारा इलाज लिए हुए मरीज।

परिहार ब्लॉक के सुतिहारा गांव के मो. गुफरान लहेरी को आयुष्मान भारत योजना से नया जीवनदान मिला। मो. गुफरान के लिए भी यह किसी वरदान से कम नहीं हैं। सड़क दुर्घटना में अपना एक हाथ पूरी तरह गंवा चुके मो. गुफरान आयुष्मान भारत योजना के कारण पूरी तरह स्वस्थ्य होकर घर लौट सके। मो. गुफरान लहेरी के पिता मो. फरमान लहेरी ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत यह सुविधा ना मिलती तो ना जाने उसके बेटे का क्या होता। इतने रुपये कहां से लाते बेटे के इलाज के लिए।

हर रोज दिहाड़ी करके अपना व परिवार का पेट पालना ही मुश्किल है। उसके लिए ऑपरेशन का खर्च उठाना मुश्किल हो जाता। मां रैबूल निशा ने आंसू भरी आंखों से कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की बदौलत उसके बेटे का भविष्य अंधकारमय होने से बच गया। दुर्घटना में बुरी तरह टूटे हुए हाथ को कटने से बचा लिया गया। यह सम्भव हुआ आयुष्मान कार्ड की वजह से। बताया कि अब गुफरान पूरी तरह स्वस्थ है।

मुफ्त उपचार होने से बेटे को नई जिंदगी मिली है।जिला कार्यक्रम समन्वयक साहेब सिंह ने बताया कि सुतिहारा गांव के रहने वाले नौ वर्षीय मो. गुफरान लहेरी ऑटो से दुर्घटना का शिकार हो गया था। उसका हाथ पूरी तरह टूट गया था। गरीब और इलाज न करा पाने की स्थिति में उसकी मां ने हमसे संपर्क किया। उसकी माँ का पहले से ही आयुष्मान कार्ड बना था। तत्काल मो. गुफरान का भी कार्ड बनाया गया।

इसके बाद उसे आदर्श सुखसागर अस्पताल, राजोपट्टी में भर्ती कराया गया। वहां अनुभवी चिकित्सकों की टीम ने इलाज शुरू किया। स्वस्थ्य हो जाने पर वह अपने घर चला गया। उसके इलाज पर कुल 1,25, 888 रुपया खर्च आया। साहेब सिंह ने बताया कि जिले में आयुष्मान योजना का लाभ आम गरीब परिवार तक पहुंचाया जा रहा है। योजना अंतर्गत सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों से लाभ दिया जा रहा है।

सूचीबद्ध लोगों का गोल्डन कार्ड भी बनाने और जानकारी के लिए सभी पीएचसी में सुविधा उपलब्ध है। समय -समय पर शिविर आयोजित कर भी गोल्डन कार्ड बनाया जाता है।