सेवा-समर्पण का दूसरा नाम है नर्स

सेवा-समर्पण का दूसरा नाम है नर्स

- एएनएम स्कूल में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस

प्रमोद कुमार 

शिवहर, 12 मई। एएनएम स्कूल, शिवहर में गुरुवार को अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए एएनएम छात्राओं ने फ्लोरेंस नाइटिंगेल के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। एएनएम स्कूल की प्राचार्या अनुराधा कुमारी ने नर्स सेवा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए

कहा कि पूरी दुनिया में हर वर्ष 12 मई को फ्लोरेन्स नाइटिंगेल के जन्मदिन को अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1954 में क्रीमिया युद्ध में घायल हुए सैनिकों का सामूहिक रूप पहली बार फ्लोरेन्स नाइटिंगेल ने इलाज के माध्यम से सेवा की शुरुआत की थी। 

नर्स अपने मरीज की सेवा में रहती हैं तत्पर:
इस अवसर पर प्राचार्या अनुराधा कुमारी ने कहा कि नर्स सुनते ही सबसे पहले जो मन में भाव आता है वह है सेवा। एक नर्स अपने मरीज की भलाई एवं सेवा के कार्य में हमेशा तत्पर रहती हैं।  

कहा कि ये समाज की अहम अंग हैं। डॉक्टर व मरीज के बीच यह कड़ी का काम करती हैं। स्वास्थ्य सेवा में इनकी अहम भूमिका होती है। जितना जरूरी उपचार है, उतना ही मरीजों की देखभाल। नर्स हमेशा अपने मरीजों के सेवा के लिए खड़ी रहती हैं।

नर्स बन करनी है पीड़ितों की सेवा:

एएनएम छात्रा साक्षी, विनीत, सोनल, पूनम, सोनम, प्रिया, ऋषिका सिंह, सोनी, ललिता समेत तमाम छात्राओं ने कहा कि उनकी पढ़ाई का मूल उद्देश्य सेवा करना है। पीड़ित मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इसी उदे्श्य के साथ नर्स बनकर सेवा करने की सोच है। जब हम सभी यहां से अस्पतालों में जाएं तो समाज की सेवा पूरी निष्ठा के साथ कर सकें। 

सेवा भाव से काम करने का है जज्बा:

एएनएम स्कूल की प्राचार्या अनुराधा कुमारी ने कहा कि 2017 में स्थापना के बाद यहां से तीन बैच पास आउट हो चुके हैं। वे सभी आज विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत हैं। अभी 93 एएनएम छात्राएं अभी यहां पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने बताया कि यहां पढ़ाई कर रही सभी में सेवा भाव से काम करने का जज्बा है।