बीज वितरण की जटिल प्रक्रिया से धान की खेती पर लग सकता है ग्रहण 

बीज वितरण की जटिल प्रक्रिया से धान की खेती पर लग सकता है ग्रहण 

बीज वितरण की जटिल प्रक्रिया से धान की खेती पर लग सकता है ग्रहण 

--- महिला कृषकों की बढ़ी परेशानी

----प्रक्रिया पूरी करने में एक किसान को लग सकता है 15-20 मिनट का समय


अंजनी अशेष
मोतिहारी,पू०च०। 
एक ओर जहां सरकार खरीफ  खेती के मद्देनजर खरीफ महाअभियान कार्यक्रम का आयोजन कर रही है, वहीं जिले में धान की खेती पर ग्रहण लगने की आशंका बलवती होती जा रही है। किसानों का कहना है कि बिहार राज्य बीज निगम द्वारा धान बीज वितरण के लिए जिस प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है, वह अत्यंत जटिल और अव्यवहारिक है।

गौरतलब है कि विभाग द्वारा अधिकृत बीज दुकानदारों द्वारा पहले ओटीपी के माध्यम से बीज वितरण होता था। अब विभाग द्वारा बीज वितरण की प्रक्रिया को अत्यंत जटिल बना दिया गया है। इसके तहत सबसे पहले किसानों के मोबाइल पर विभाग द्वारा मैसेज भेजा जाएगा। तदुपरांत किसान विभाग द्वारा अधिकृत दुकान पर अपना पंजीयन लेकर जाएगा।

इसके बाद  दुकानदार को पंजीयन दिखाने के बाद बायोमेट्रिक मशीन द्वारा अपनी पहचान प्रदर्शित करना होगा। तत्पश्चात किसान के मोबाइल पर एक ओटीपी आएगी, जिसकी वैलिडिटी लगभग 15 मिनट होगी। तब ओटीपी नंबर दुकानदार को देने के बाद किसान को बीज मिलेगा। बताते चलें कि इससे सर्वाधिक परेशानी महिला कृषकों को होगी, क्योंकि अपने घर से निकलकर सुदूर दुकानों तक जाना और कतार में लगना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित होगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वर डाउन होने के चलते भी वितरण में काफी परेशानी हो सकती है।

इधर, एक किसान को बीज प्राप्त करने में लगभग 10 से 15 मिनट तक का समय लग सकता है। बता दें कि जिले में धान का बिचड़ा अगात गिराया जाता है। इधर, बारिश होने के बाद बिचड़ा गिराने का कार्य किसानों ने लगभग आरंभ कर दिया है, लेकिन धान बीज वितरण की जटिलता के कारण किसानों के बीच बीज का वितरण आसानी से हो पाएगा,

इसकी संभावना क्षीण होती जा रही है। इस बाबत चकिया के प्रगतिशील किसान अजय देव का कहना है कि धान बीज वितरण की प्रक्रिया अत्यंत जटिल है, इससे किसानों को धान बीज प्राप्त करने में परेशानी होगी। वही पिपराकोठी के प्रगतिशील कृषक दुर्गा सिंह के मुताबिक, सरकार को बीज वितरण की प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए, ताकि किसानों को कोई कष्ट ना हो।