बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित 

बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक

बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित 

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,चकिया।
चकिया प्रखंड मुख्यालय स्थित ट्राइसम भवन में प्रखंड प्रमुख कुमारी रीना की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।बैठक में बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी, बाल शोषण पर अंकुश लगाने के लिए पंचायत और वार्ड स्तर पर बाल संरक्षण समिति गठन करने पर विस्तृत चर्चा की गई।

इस बैठक में  समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास निगम व यूनिसेफ के सहयोग से सेव द चिल्ड्रेन द्वारा संचालित उड़ान प्रोजेक्ट के प्रखंड समन्वयक कृष्णा कुमार ने कहा 
कि कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिन्हित कर सरकारी योजनाओं से जोड़ने का संकल्प सभी माननीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक पदाधिकारी को लेना होगा।प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक में बोलते हुए कृष्णा ने कहा कि बच्चों के संरक्षण में काम करने वाले सभी स्टेकहोल्डर यथा जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता का यह दायित्व है कि बच्चों के प्रति लोगों की सोच व व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए किसी भी भेद भाव के बिना जागरूकता अभियान लगातार  चलाने की जरूरत है,

जिससे हम बच्चों के अधिकारों व संरक्षण  दिलाने में कामयाब हो सकते हैं। बाल संरक्षण समिति की बैठक में जनप्रतिनिधियों की ओर से प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी का उचित  सहयोग नही मिलनेकी बात सामने  आई।  साथ ही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं बाल श्रम अधिनियम 1986 के बारे में विस्तृत चर्चा की एवं बाल विवाह बाल मजदूरी किस तरह से कम हो इस पर उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि आप सब अपने अपने पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम करें ।

समाज मे हो रहे सभी गैर कानूनी शादी को रोकना है, और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सभी पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों को संवेदनशील होना होगा।इस अवसर पर प्रखंड प्रमुख  कुमारी रीना ने बाल संरक्षण के मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि हम सभी जनप्रतिनिधियों को मिलकर वार्ड स्तर पंचायत स्तर पर  सभी योजनाओं से बच्चों को जुड़वाएं और उनकी संरक्षण की बात करें।

उन्होंने कहा कि बाल विवाह बाल मजदूरी ना हो इसके लिए पंचायत स्तर और वार्ड स्तर पर बाल संरक्षण समिति को मजबूत करने की जरूरत है। इसके लिए समिति की  बैठक नियमित हो।इस अवसर पर प्रखंड उप प्रमुख अर्पणा देवी ने भी अपनी बात रखते हुए बाल संरक्षण के मुद्दों पर सक्रिय रूप में काम करने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की।प्रखंड बाल विकास पदाधिकारी अनुमेहा ने कहा कि बाल संरक्षण समिति की जो संरचना है प्रखंड स्तर  पंचायत स्तर वार्ड  स्तर इसको सशक्त करने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा

,क्योंकि बच्चे देश के भविष्य हैं। बच्चों के संरक्षण के लिए हम सभी की भूमिका अनिवार्य है।सी डी पी ओ ने  एक घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि गांव में बहुत सारे लोग जो गलत  प्रवृत्ति के हैं गांव घूमते हैं और बच्चों के  अभिभावक को झांसा और प्रलोभन देकर  बाहर भेज देते हैं जहां उनका मानव व्यापार हो जाता है।

एक घटना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि  एक गांव में एक व्यक्ति गया और वहां उनके अभिभावक को उनके बच्ची से शादी करने के लिए बात किया और वहां की कुछ बच्ची तैयार भी हो गई लेकिन बाद में पता चला कि वह एक दलाल था और उस फैमिली को पचास हज़ार रुलाया दिया था शादी के लिए , फिर इसको पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों द्वारा चिन्हित कर शादी रुकवाई गई। उन्होंने कहा कि हमारा पूर्वी चंपारण जिला एक संवेदनशील जिला है जहां नेपाल का बॉर्डर है और यहां से बहुत सारे बच्चों को बाल विवाह बाल मजदूरी के लिए वहां ले जाया जाता है इस पर हम सभी को आगे आकर रोक लगाना होगा।

उन्होंने सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से इस संदर्भ में चौकन्ना रहने की सलाह दिया क्योंकि वार्ड  स्तर पर सेविका इस समिति की सचिव होती है।प्रखंड समन्वयक सुशील कुमार आजाद एवं जितेंद्र कुमार सिंह संयुक्त राष्ट्र संघ महा अधिवेशन  द्वारा पारित बच्चों के 54 अधिकारों के साथ-साथ मुख्य चार अधिकारियों पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही सामाजिक सुरक्षा योजना, परवरिश योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना , छात्रवृत्ति योजना सहित अन्य योजनाओं के बारे में प्रकाश डाला।

प्रखंड प्रवर्तन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा ने 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को होटल ढाबा में कमाने के लिए ना भेजें और गांव के जो भी बच्चे जाते हैं उन्हें रोके। साथ ही श्रम संसाधन विभाग द्वारा संचालित लेबर कार्ड, शताब्दी योजना सहित अन्य योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि  इन योजनाओं से उन बच्चों के परिवार को जोड़ें जो मजदूरी कर रहे हैं और इन सब योजनाओं से जोड़ने पर हमारे समाज में बाल विवाह बाल मजदूरी जैसे घटना में भी कमी आएगी और लोग बच्चों को विद्यालय भेजेंगे।

चाइल्डलाइन के प्रतिनिधि नारायण मजूमदार ने बच्चों के संरक्षण की बात बताते हुए परवरिश योजना के बारे में बताया एवं बताया कि बाल संसद मीना मंच के सदस्यों के साथ बैठक कर बाल विवाह बाल मजदूरी जैसे घटनाओं को रोका जा सकता है।  इस संदर्भ में भारत सरकार का  टोल फ्री नंबर 1098 के बारे में बताया।

इस बैठक में विद्यालय स्तर पर मध्यान्ह भोजन, छात्रवृति और पोशाक योजना को क्रियान्वित करने सहित बच्चों से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं को शत-प्रतिशत लागू करने की बात  एवं मानव व्यापार की रोकथाम  पर विस्तृत चर्चा की गई।

इस बैठक में पंचायत समिति बालेश्वर सहनी, नवल किशोर सिंह ,बी सी विकास कुमार, अरविन्द कुमार पांडेय , PS शम्भू कुमार, महिला सुपरवाइजर माधुरी कुमारी, आर सी सुल्ताना, स्वास्थ्य विभाग के राजीव रंजन, आईसीडीएस बी सी रश्मि राज, प्रखंड लिपिक राजकिशोर कुमार , चाइल्ड लाइन से अजय कुमार,विकास मित्र रामकुमार ,कविता कुमारी,ध्रुप कुमार बैठा,प्रियंका कुमारी,सरिता कुमारी,मुकेश राम सहित अन्य जनप्रतिनिधि व प्रखंड कर्मी मौजूद थे।